गठिया (Arthritis), जिसे हम आम भाषा में अर्थराइटिस कहते हैं, हड्डियों और जोड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी समय पर पहचान और इलाज न होने पर व्यक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित कर सकती है। गठिया मुख्य रूप से एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की एंटीबॉडीज अपने ही जॉइंट्स पर हमला करती हैं। इस लेख में हम आपको गठिया के शुरुआती संकेतों और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
गठिया के प्रकार और कारण
गठिया के प्रमुख प्रकार
- रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis): यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो अधिकतर हाथ, पैरों और कलाई के जोड़ों को प्रभावित करती है।
- ओस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis): यह उम्र बढ़ने के साथ होने वाली एक आम समस्या है, जिसमें हड्डियों के बीच का कार्टिलेज कमजोर हो जाता है।
- गाउट (Gout): यह बीमारी यूरिक एसिड के जमाव के कारण होती है और मुख्य रूप से अंगूठे के जोड़ों को प्रभावित करती है।
गठिया के संभावित कारण
- जेनेटिक कारण
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
- मोटापा
- बढ़ती उम्र
- शारीरिक चोट या इंफेक्शन
गठिया के शुरुआती संकेत
1. सुबह के समय जोड़ों में अकड़न
अगर आपको सुबह उठने पर अपनी उंगलियों, घुटनों या पीठ में अकड़न महसूस होती है, तो यह गठिया का प्रारंभिक संकेत हो सकता है। यह अकड़न कई घंटों तक बनी रह सकती है।
2. लंबे समय तक थकान और कमजोरी
गठिया के मरीज अक्सर बिना किसी मेहनत के भी थकान महसूस करते हैं। शरीर में कमजोरी और ऊर्जा की कमी इस बीमारी के सामान्य लक्षण हैं।
3. वजन कम होना और भूख की कमी
अगर बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम हो रहा है और भूख में कमी आ रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह गठिया की ओर इशारा कर सकता है।
4. हल्का बुखार और रात में पसीना आना
अगर आपको लगातार हल्का बुखार रहता है और रात में पसीना आता है, तो यह शरीर में इन्फ्लेमेशन की वजह से हो सकता है। यह रूमेटाइड अर्थराइटिस का संकेत हो सकता है।
5. जोड़ों में सूजन और दर्द
जोड़ों में सूजन, लालिमा और दर्द गठिया के सबसे सामान्य लक्षण हैं। यह दर्द हल्के से लेकर गंभीर हो सकता है और समय के साथ बढ़ सकता है।
गठिया से बचाव और इलाज के उपाय
1. समय पर डॉक्टर से परामर्श लें
गठिया का समय पर निदान और उपचार बहुत जरूरी है। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
2. स्वस्थ आहार अपनाएं
अपना आहार ऐसा रखें जो एंटी-इन्फ्लेमेटरी हो। ओमेगा-3 फैटी एसिड, फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें। तला-भुना और ज्यादा नमक वाला खाना न खाएं।
3. नियमित व्यायाम करें
जोड़ों को लचीला बनाए रखने के लिए हल्के व्यायाम जैसे योग और स्ट्रेचिंग करें। इससे जोड़ों में रक्त संचार भी बेहतर होगा।
4. वजन को नियंत्रित रखें
मोटापा गठिया के जोखिम को बढ़ा सकता है। अपने वजन को संतुलित रखें और नियमित शारीरिक गतिविधि करें।
5. दवाइयों का सही उपयोग
डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को नियमित रूप से लें। पेन किलर्स, एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं और इम्यूनोसप्रेसेंट्स इस बीमारी के उपचार में सहायक हो सकते हैं।
गठिया से जुड़ी गलतफहमियां
- केवल बुजुर्गों को ही गठिया होता है: यह गलत धारणा है। गठिया किसी भी उम्र में हो सकता है, यहां तक कि बच्चों में भी।
- व्यायाम से गठिया बढ़ता है: सही तरीके और मात्रा में किया गया व्यायाम गठिया के लक्षणों को कम करता है।
- सिर्फ दर्द होना गठिया का संकेत है: गठिया के अन्य लक्षण जैसे थकान, बुखार और वजन कम होना भी गंभीर हो सकते हैं।
निष्कर्ष
गठिया एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय बीमारी है। इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है। सही जीवनशैली और डॉक्टर की सलाह से आप गठिया के प्रभाव को कम कर सकते हैं।