महाकुंभ 2025 के दौरान 28 जनवरी की देर रात 1:30 बजे संगम नोज इलाके में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस घटना में 30 लोगों की मौत और 60 से अधिक लोग घायल हुए। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों और विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
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मृतकों की संख्या पर बढ़ते सवाल
दैनिक भास्कर की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन द्वारा बताई गई 30 मौतों की संख्या संदेह के घेरे में है।
- 30 जनवरी को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में 24 अज्ञात शव रखे गए थे।
- प्रशासन के अनुसार, 29 जनवरी तक 30 मौतें हुई थीं और उनमें से 25 की पहचान कर ली गई थी।
- यदि 30 में इन 24 नए शवों को जोड़ा जाए, तो मृतकों की संख्या 49 हो जाती है।
महाकुंभ से लौटे शवों की संख्या
महाकुंभ से अब तक विभिन्न राज्यों में 41 शव भेजे जा चुके हैं, जबकि प्रशासन केवल 30 मौतों की पुष्टि कर रहा है।
- उत्तर प्रदेश में 16 शव (गोरखपुर, बलिया, जौनपुर, लखनऊ, मऊ, गोंडा, सिद्धार्थनगर, प्रयागराज)
- बिहार में 8 शव
- कर्नाटक में 4 शव
- हरियाणा और राजस्थान में 3-3 शव
- झारखंड और पश्चिम बंगाल में 2-2 शव
- असम, गुजरात और उत्तराखंड में 1-1 शव
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भगदड़ सिर्फ एक जगह नहीं, तीन जगह हुई!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाकुंभ में एक नहीं, बल्कि तीन स्थानों पर भगदड़ हुई, जिनमें कई लोगों की मौत हुई।
- संगम नोज इलाका: प्रशासन ने यहां 30 मौतों की पुष्टि की।
- ओल्ड जीटी रोड: भगदड़ में 5 लोगों की मौत हुई, जब एक वाहन ने श्रद्धालुओं को कुचल दिया।
- झूंसी (ऐरावत द्वार): स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, 24 लोगों की मौत हुई।
चश्मदीदों की गवाही
एंबुलेंस ड्राइवरों और हॉस्पिटल स्टाफ के अनुसार, 100 से अधिक शव महाकुंभ के अलग-अलग अस्पतालों में लाए गए थे।
- सेक्टर-20 के एक अस्पताल में 90 से 100 शव पहुंचे।
- एक एंबुलेंस ड्राइवर के अनुसार, शवों को कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और बिहार भेजा गया।
प्रशासन की सफाई और सवाल
महाकुंभ नगर के डीआईजी वैभव कृष्ण और मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने 30 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड्स टूट गए और लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ने लगे।
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हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रशासन द्वारा बताई गई मौतों की संख्या पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
कौन है जिम्मेदार?
महाकुंभ में हुई भगदड़ के लिए 6 अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा रहा है।
- एक अधिकारी ने पुल बंद करवा दिए, जिससे भीड़ का दबाव बढ़ गया।
- दूसरे अधिकारी ने भीड़ बढ़ने दी, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी।
- तीसरे अधिकारी ने भगदड़ के दौरान श्रद्धालुओं को हटाने की कोशिश की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
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निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ प्रशासनिक विफलता को उजागर करती है। मरने वालों की वास्तविक संख्या को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, और प्रशासन की रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों में भारी अंतर है। पीड़ितों के परिवार अब न्याय और सही जानकारी की मांग कर रहे हैं।